Shivratri Kab Hai 2024 | जाने इस साल कब मनाई जाएगी महाशिवरात्रि

दोस्तों, हर हर महादेव। जैसा की हमें पता है की भारत में हर साल महाशिवरात्री का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहाँ जाता है। वैसे तो हर महीने शिवरात्रि आती है और महादेव की पूजा की जाती है। लेकिन पुरे साल की सभी शिवरात्रि में से महाशिवरात्रि का पर्व एक अलग़ महत्त्व रखता है। ज़्यादातर लोग को बारह शिवरात्रि के बारे में पता नहीं होता, वो बस महाशिवरात्रि के बारे में ही जानते है। कुछ लोगों का सवाल है की Shivratri Kab Hai? तो आज का आर्टिकल हम आपके लिए ही लाए है। आज के आर्टिकल में हम जानेंगे की इस साल mahashivratri kab hai 2024 और साथ जानेंगे महाशिवरात्रि का महत्व क्या है। चलिए शुरू करते है,

Shivratri Kab Hai

Shivratri Kab Hai 2024 | कब है महाशिवरात्रि

वैसे तो हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि के रूप में मानया जाता है, इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। लेकिन हर साल फ़ाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का एक अलग ही महत्व बताया गया है। इस दिन महादेव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। बात करे इस साल महाशिवरात्रि कब है,तो आपको बता दे की इस साल 8 मार्च 2024 शुक्रवार को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है। चलिए जानते है की इस महाशिवरात्रि की पूजा का मुहर्त कब है। और इस दिन कौन कौन से संयोग पड़ रहे है।

महाशिवरात्रि की पूजा का मुहर्त | Shivratri Kab Hai

महाशिवरात्रि के दिन रात्रि के समय में महादेव के लिंग स्वरुप की विशेष रूप से पूजा की जाती है। इस महाशिवरात्रि कृष्ण चतुर्दशी तिथि की 8 मार्च शुक्रवार को रात्रि 09 :57 बजे से शुरू होकर 9 मार्च शनिवार की शाम 06:17 तक रहेंगी। महाशिवरात्रि की इस दिन की पूजा का मुहूर्त सुबह 05:01 से शुरू होगा। ज़्यादातर लोग प्रदोष काल में शिवपूजा करते है। कई लोग महाशिवरात्रि की पूजा भद्राकाल में भी करते है। इस दिन रात के 09 :58 बजे से अगले दिन सुबह 08:09 तक भद्रा रहेगी। इसलिए इस समय से पहले महादेव की पूजा करना शुभ माना जाता है।

महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त | Shivratri Kab Hai

महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024, शुक्रवार
निशिता कल पूजा समय – 9 मार्च 12:07 am से 12 :56 am
शिवरात्रि पारणा समय – 06 :37 am से 03 :29 pm
रात्रि प्रथम प्रहार पूजा समय : 06:25 Pm से 09:28 pm
रात्रि द्रितीय प्रहर पूजा समय: 09:28 pm से 12:31 am, 09 मार्च 2024
रात्रि तृतीय प्रहार पूजा समय: 12:31 am से 03.34 am, 09 मार्च 2024
रात्रि चतुर्थ प्रहार पूजा समय: 03.34 am से 06.37 am, 09 मार्च 2024

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कौन से संयोग पड रहे है

इस साल की महाशिवरात्रि का खास महत्व है। इस बार 8 मार्च की शिवरात्रि को विशेष संयोग बन रहा है। 8 मार्च को स्वार्थ सिद्धि योग बनने जा रहा है। और साथ ही 4 शुभ योग भी बन रहे है। शिवरात्रि के दिन महाशिवरात्रि तो है ही, साथ ही इस दिन श्रवण नक्षत्र, शिव योग और चंद्र मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसके अलावा स्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।

महाशिवरात्रि का महत्व

महाशिवरात्रि का त्यौहार भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन महादेव के मंदिरों को सजाया जाता है। और माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है। भारत में मनाये जाने वाले सभी त्योहारों में एक महाशिवरात्रि का पर्व भी मुख्य है। मााना जाता है की इस दिन आधी रात को महादेव शिवलिंग के रूप में प्रगट हुए थे। यह दिन इसलिए भी विशेष है, क्योंकि इस दिन माता पार्वती और शिव का विवाह भी हुआ था।

हिन्दू धर्म में व्रत का बड़ा महत्व बताया गया है। महाशिवरात्रि के दिन व्रत किया जाता है। महाशिवरात्रि के पर्व को माता पार्वती और महादेव के विवाहोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।
इसलिए इस दिन विवाहित महिला अपने दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए व्रत और महादेव की पूजा करती है। और अविवाहित महिला भी अच्छे पति के लिए ये व्रत करती है। शिवरात्रि का व्रत करने से महादेव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन माता पार्वती और महादेव की एक साथ पूजा करने से पूर्व जन्म के कष्टों से मुक्ति मिलती है। महाशिवरात्रि का पर्व कल्याणकारी है। चलिए जानते है कैसे करे महाशिवरात्रि की पूजा।

कैसे करे महाशिवरात्रि की पूजा

महादेव सभी देवों में श्रेष्ठ माने जाते है। महादेव को भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है। कहाँ जाता है महादेव को सिर्फ एक लौटा जल चढ़ाने से वे प्रसन्न हो जाते है। महाशिवरात्रि के दिन सुबह से ही व्रत का प्रण लिया जाता है। सुबह घर के काम से निवृत होकर, स्वच्छ कपड़े पहनकर महादेव की पूजा की जाती है। और पुरे दिन फलहार लेकर व्रत किया जाता है।

शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर अपने नजदीक के मंदिर में या अपने घर के मंदिर में ही भगवान शिव और उनके परिवार की पूजा की जाती है।

भगवान शिव की पूजा शिवलिंग के रूप में ही की जाती है। सबसे पहले शिवलिंग का रूद्राभिषेक किया जाता है,

रुद्राभिषेक में जल, घी, दूध, चीनी, शहद, दही आदि से महादेव का अभिषेक किया जाता है।

महादेव को बेलपत्र अतिप्रिय है, इस दिन महादेव को नारियल, बिलपत्र, धतूरा और सफ़ेद फूल चढ़ाए जाते है। भगवान शिव की धुप – दीप, फल, फूल आदि से पूजा की जाती है।

भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप किया जाता है। शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव मंत्रो का पाठ किया जाता है।

इस व्रत में शाम को भोजन नहीं किया जाता, इसलिए इस दिन शाम के समय फलहार ही किया जाता है।

अगले दिन स्नान आदि से निवृत होकर महादेव की विधि विधान से पूजा कर, दान दक्षिणा देने के बाद ही उपवास खोला जाता है।

शिवरात्रि वाली रात भजन आरती की जाती है। और ये भजन कीर्तन पूरी रात चलते है।

दोस्तों हमने आज के Article में “Shivratri Kab Hai” के बारे में जाना। अगर आपने यहाँ तक ये आर्टिकल पढ़ा है, तो आपको अभी तक समझ आ गया होगा की Shivratri Kab Hai. अगर आपको हमारा आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे Share करना मत भूलना। और अगर आपको कोई सवाल या सुझाव हो तो आप हमे Comment भी कर सकते है। धन्यवाद….

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। और Hindimin.in इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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