Sansadhan Kya Hai | जानिए संसाधन किसे कहते हैं

पृथ्वी पर उपलब्ध हर चीज़ कुदरत की देन है। आप और हम रहने से लेकर खाने- पीने सोने तक कुदरत द्रारा दी गई वस्तुओ का इस्तमाल करते है। कुदरत द्रारा दी गई वस्तुए जैसे नदी, जंगल, पहाड़ हमें जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। आपने भी कहीं न कहीं संसाधन शब्द का इस्तमाल जरूर करा होगा। लेकिन क्या आपको संसाधन शब्द का का मतलब पता है। अगर आपको नहीं पता की Sansadhan Kya Hai, तो आप बिल्कुल सही जग़ह आए हो। आज के आर्टिकल में Sansadhan Kya Hai Hindi के बारे में चर्चा करेंगे। साथ ही जानेंगे की Sansadhan Ke Prakar कितने है। चलिए शुरू करते है ,

Sansadhan Kya Hai

Sansadhan Kya Hai Hindi | संसाधन किसे कहते हैं

जब मनुष्य का जन्म हुआ था, तब उसे जीवित रहने के लिए खाने और पानी की जरुरत पड़ी और ये सब उसे कुदरत से ही मिला। बात करे संसाधन क्या है, तो आपको बता दे की संसाधन कुदरत की सम्पति है, जिसका इस्तमाल मनुष्य और प्राणी द्रारा किया जाता है। दूसरे तरिके से समजा जाए तो हमारे पर्यावरण में उपलब्ध हर चीज़ संसाधन है। संसाधन का इस्तमाल हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करते है। पर्यावरण में उपलब्ध नदी,पहाड़, समुद्र, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी सभी संसाधन है, जिनका इस्तमाल करके हम अपनी जरूरते पूरी करते है। चलिए विस्तार से समजते है, की Sansadhan Kya Hai और संसाधन कितने प्रकार के होते है।

Sansadhan Kya Hai Meaning | संसाधन मतलब

संसाधन एक ऐसा स्त्रोत है, जो हमें कुदरत द्रारा बिल्कुल मुफ़्त में दिया गया है। जिस प्राकृतिक वस्तु का हम अपने जीवन में इस्तमाल करते है, वे हमारे लिए संसाधन है। लेकिन कोई प्राकृतिक वस्तु ऐसी हो, जिसका इस्तमाल मनुष्य नहीं करता या उसमें वो हस्तक्षेप नहीं करता तो वो संसाधन नहीं है। आप और हम कई सारे संसाधन का इस्तमाल करते है। जैसे हम हवा, पानी, भूमि, आकाश, पेड़, पहाड़, खनिज का इस्तमाल करते है , तो ये सब हमारे लिए संसाधन है।

संसाधन वो है, जिसका अधिकतम उपयोग संभव हो, जिसे उपयोगी और मूल्यवान वस्तु में बदला जा सके, जिसमे कुछ उदेश्यों को पूरा करने की क्षमता हो। संसाधन इंसानों के लिए एक सम्पत्ति है। जिसका उपयोग सोच समझकर विवेकपूर्ण करना चाहिए।

Sansadhan Ke Prakar | Sansadhan Kya Hai

जैसा की हमने आगे जाना की संसाधन पर्यावरण से उपलब्ध हर वस्तु को कहाँ जाता है। जिसके इस्तमाल से हम हमारी जरूरते पूरी करते है। चलिए जानते है की कितने प्रकार के संसाधन होते है। वैसे तो संसाधन के मुख्य दो प्रकार है,

प्राकृतिक संसाधन (कुदरती संसाधन)
मानवीय संसाधन (मानवनिर्मित संसाधन)

प्राकृतिक संसाधन (कुदरती संसाधन) | प्राकृतिक संसाधन क्या है

कुदरत द्रारा मिलने वाले संसाधन को प्राकृतिक या कुदरती संसाधन कहाँ जाता है। जैसे पानी हमे नदी, झरने, बारिश, समुद्र, तालाब से मिलता है, पेड़ो से शुद्ध हवा, फल, छाया और लकड़ियाँ मिलती है , पहाड़ो से पत्थर और खनिज मिलते है। जमीन पर हम घर बनाकर रहते है। जो संसाधन हमें मुफ़्त में मिलते है, वो हमारे लिए कुदरती भेंट है। ये सब हमे प्रकृति द्रारा दिए गए अमूल्य संसाधन है।

मानवीय संसाधन (मानवनिर्मित संसाधन)

बात करे मानवीय संसाधन की तो जैसा की हमे पता है की पहले के मनुष्य के पास कुछ भी नहीं था, वो जंगल में ऐसे ही भटकता रहता था ,फिर धीरे धीरे मनुष्य का विकास हुआ और उसने पत्थर और लकड़ी से औजार बनाए, पत्तों से कपड़े बनाए, मिट्टी से बर्तन बनाए। ऐसे ही मनुष्य अपने लिए अलग़ अलग़ संसाधन का खुद की निर्माण करता गया। उसने मकान, मंदिर, फैक्टरी,मिल, स्कूल, हॉस्पिटल बनाए। उसने प्राकृतिक संसाधन का इस्तमाल करके पुल, सड़क, मशीन और वाहन बनाए। ये सारी वस्तु मनुष्य ने खुद ने बनाई यानि आप इसे मानव संसाधन कह सकते है। स्टील, रेलवे, ऑटोमोबाइल कृत्रिम यानि मानव निर्मित संसाधनों के उदाहरण है।

प्राकृतिक संसाधनों के प्रकार

प्राकृतिक संसाधनों को विभिन्न तरीकों से वर्गीकृत किया जा सकता है। संसाधनों की उत्पत्ति को इस प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है:

जैविक संसाधन

इन संसाधनों में पर्यावरण के सभी जीवित पहलू शामिल हैं। वन और वन उत्पाद, फसलें, पक्षी, वन्यजीव, मछली और अन्य जलीय जीवन सभी जैविक संसाधनों के उदाहरण हैं। ये संसाधन स्वयं को पुनर्जीवित और पुनरुत्पादित करते हैं, जिससे उन्हें अनिश्चित काल तक उपयोग करने की अनुमति मिलती है। कोयला और खनिज तेल जैसे जैविक संसाधन अनवीकरणीय हैं।

अजैविक संसाधन

इन संसाधनों में पर्यावरण के सभी निर्जीव पहलू शामिल हैं। भूमि, जल, वायु और लोहा, तांबा, सोना और चांदी जैसे खनिज अजैविक संसाधनों के कुछ उदाहरण हैं। वे सीमित और गैर-नवीकरणीय हैं क्योंकि उन्हें नवीनीकृत या पुन: निर्मित नहीं किया जा सकता है।

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संसाधनों का वर्गीकरण | संसाधन मतलब

चलिए विस्तृत रूप से संसाधनों का वर्गीकरण देखते है।

उत्पत्ति के आधार पर:

जैव और अजैव संसाधन

जिसमें जीव है वे जैव संसाधन है, जिसमें मनुष्य, पेड़, वनस्पति, पशु-पक्षी, प्राणी, मछलियाँ समावेश है।

कई चीज़ो में जिव नहीं है,फिर भी वे हमारे संसाधन है। जो चीज़ निर्जीव होती है, वे अजैव कहलाती है। जिसका उदाहरण जमीन, हवा,पानी, धातु, पहाड़ है।

समाप्यता के आधार पर:

नवीकरण योग्य और अनवीकरण योग्य संसाधन

जैसा की नाम से ही पता लग रहा है की नवीनीकरण का मतलब नया करना। जिस संसाधन का इस्तमाल भौतिक,रासायनिक या यांत्रिक प्रकिया द्रारा नवी तरह उत्पन्न किया जाए। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जिव जंतु आदि आते है।

स्वामित्व के आधार पर:

व्यक्तिगत, सामुदायिक, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संसाधन

जिस संसाधन पर किसी व्यक्ति का स्वामित्व हो, वे निजी और व्यक्तिगत संसाधन है। जिसमें किसी किसान की जमीन, घर, गाड़ी आदि आते है।

सामुदायिक संसाधन में किसी समाज या समुदाय का प्रभुत्व किसी संसाधन पर हो उनसे सामुदायिक संसाधन कहा जाता है, जिसमें पार्क, श्मशान, कब्रिस्तान, मंदिर, धर्मशाला, पार्क, तालाब आते है।

जिस संसाधन पर राष्ट्र का स्वामित्व हो, वो राष्ट्रीय संसाधन है, जैसे सरकारी ज़मीन ,सड़क ,रेल, नहर, वगैरह।

अंतर्राष्ट्रीय संसाधन वह है, जिसमें एक से अधिक सीमा या राष्ट्र का स्वामित्व हो। किसी समुद्र क्षेत्र की सीमा अंतर्राष्ट्रीय संसाधन का जीवंत उदाहरण है।

विकास के स्तर के आधार पर:

संभावी, विकसित भंडार और संचित कोष

जिस संसाधन का उपयोग वर्तमान में नहीं हो रहा हो, लेकिन उसकी संभावना हो तो वे सम्भावी संसाधन है। जैसे राजस्थान और गुजरात की सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा।

Viksit Sansadhan Kya Hai, तो आपको बता दे की जिस संसाधन का सर्वेक्षण किया गया हो और गुणवत्ता तथा मात्रा निर्धारित की गई हो, वे विकसित संसाधन है।

जिस संसाधन को आगे के समय में इस्तमाल करना हो, अभी उसके लिए कोई उचित टेक्नोलॉजी न हो, वो भंडार संसाधन है, जैसे हाइड्रोजन ईंधन।

संचित कोष वो है, जिसमे मौजूदा टेक्नोलोजी का उपयोग न हो रहा हो। और अभी इसका इस्तमाल सिमित पैमाने पर हो रहा हो। जैसे नदी के जल से पनबिजली परियोजना द्रारा बिजली निकलना।

दोस्तों हमने आज के Article में “Sansadhan Kya Hai” के बारे में जाना। अगर आपने यहाँ तक ये आर्टिकल पढ़ा है, तो आपको अभी तक समझ आ गया होगा की Sansadhan का मतलब क्या होता है। अगर आपको हमारा आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे Share करना मत भूलना। और अगर आपको कोई सवाल या सुझाव हो तो आप हमे Comment भी कर सकते है। धन्यवाद….

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