Saam Daam Dand Bhed Meaning

नमस्कार दोस्तों आपके साथ भी कभी न कभी ऐसा जरूर हुआ होगा की आप किसी काम के लिए पूरी महेनत लगा देते है और आपका काम अच्छे से नहीं होता। आपने कभी न कभी किसीसे साम दाम दंड भेद की नीति के बारे में जरूर सुना होगा। ऐसा कहाँ जाता है की अगर आपको आपका काम किसी भी हालत में पूरा करना है तो आपको साम दाम दंड भेद का उपयोग करना पड़ेगा। किसी किसी को लगता है की साम दाम दंड भेद का मतलब आपका आप गलत तरीको से भी कर सकते है लेकिन दोस्तों आपको बता दे की साम दाम दंड भेद का मतलब ऐसा नहीं होता है। क्या आप भी Saam Daam Dand Bhed Meaning सही दिशा में जानना चाहते है। तो आज हम आपको इसका सही मतलब इस Article के माध्यम से बताएगे। चलिए शरू करते है ,Saam Daam Dand Bhed Meaning In Hindi .

Saam Daam Dand Bhed Meaning

Saam Daam Dand Bhed Meaning in hindi

दोस्तो साम, दाम, दंड, भेद को कूटनीति भी कहाँ जाता है आपने कहीं न कही पढ़ा होगा की सबसे पहले कूटनीति का प्रयोग भारत के प्रमुख विद्वान कौटिल्य (चाणक्य) ने किया था। कहाँ जाता है की चाणक्य बड़े की चतुर और होशियार थे। उन्होंने साम ,दाम ,दंड ,भेद की नीति अपनाकर कई कामो की किया है। आपने किसी कार्य को पूर्ण करने के लिए साम, दाम, दंड, भेद का प्रयोग कहावत के रूप में सुना होगा। की ये काम साम, दाम, दंड, भेद अपनाकर कैसे भी पूरा कीजिये।

साम दाम दंड भेद का अर्थ प्रोयाग किसने किया था ? | साम दाम दंड भेद चाणक्य नीति

कौटिल्य/चाणक्य/विष्णुगुप्त (एक ही व्यक्ति के अलग-अलग नाम) द्वारा लिखित अर्थशास्त्र में “साम, दाम, दंड, भेद नीति” (अनुनय, प्रलोभन, दंड और विभाजन) को लक्ष्य प्राप्त करने के विभिन्न, अलग और अनुक्रमिक साधनों के रूप में संदर्भित किया गया है। .

यह प्राचीन काल से वैदिक राजाओं द्वारा लागू किया गया अब तक का सबसे व्यावहारिक विचार है, जो आज भी व्यावहारिक है।

साम दाम दंड भेद का अर्थ

साम, दाम, दंड, भेद का मतलब आप अपना कार्य पूरा करने के लिए किसी व्यक्ति को समझा सकते है ,उसे दान या दंड देकर अपना कहा मनवा सकते है अगर वो फिर भी न माने तो आप भेद से भी अपना कार्य पूर्ण कर सकते है।

शास्त्रों में ऐसा कहाँ गया है की जो हमे पथ प्रदर्शन करे या उपाय दे वही नीति है। मत्स्य पुराण में ऐसा लिखा है की जब मनु ने मत्स्य रूपधारी भगवान श्री हरी विष्णु से साम, दाम, दंड, भेद के नीति के बारे में पूछा तो उन्होंने इस नीति का उपदेश दिया था। चलिए अब जानते है की साम, दाम, दंड, भेद का अर्थ क्या है ?, साम,दाम, दंड, भेद किसकी नीति है।

साम का अर्थ क्या है ? | साम नीति(Saam Daam Dand Bhed)

जब राजा मनु ने भगवान से पूछा की साम का क्या अर्थ है ,तब मत्स्य भगवान बोले की साम का प्रशंसा होता है। जिसके दो प्रकार बताए गए है ,एक के तथ्य यानि सच्ची तारीफ और दूसरा है अतथ्य यानी झूठी तारीफ। इसलिए जब आपको किसी से कार्य करवाना हो तो आप किसी सज्जन व्यक्ति की तारीफ करके उससे अपना काम निकलवा सकते है। लेकिन जो व्यक्ति सच्चे ,धर्म परायण ,सरल होते है वे सच्ची प्रशंसा से ही प्रसन्न होते है। इसलिए उनके सामने झूठी प्रशंसा का उपयोग नहीं करना चाहिए।

आप सच्ची प्रशंसा का प्रयोग करके आप उस व्यक्ति से उनके किये हुए उपकार ,उनके सरल स्वभाव की चर्चा करके आप उनसे अपना कार्य करवा सकते है।

साम नीति का उपयोग आप सज्जन व्यक्ति के सामने ही कर सकते है क्योकि अगर आप दुर्जन व्यक्ति के सामने इसका उपयोग करते है तो वो आपको निर्बल और डरा हुआ समझता है इसलिए आपको ऐसे लोगो के सामने साम नीति का उपयोग नहीं करना चाहिए।

दाम का अर्थ क्या है ? | दाम (दान) नीति

साम ,दाम ,दंड ,भेद में दाम का अर्थ दान होता है। मत्स्य भगवान ने दाम यानि दान को सर्वश्रेष्ठ उपाय बताया है। दान देने मनुष्य तीनो लोको को जीत सकता है। माना जाता है की ऐसा कोई नहीं होगा जिसे दान द्रारा वश में न किया जाए। आपने सुना होगा की दान से देवता भी मनुष्य के वश में हो जाते है। आपने देखा होगा की दानी मनुष्य सबको प्रिय होता है। दानी राजा दान से शत्रुओ से भी जल्दी जीत जाता है। दानशीलता शत्रुओ का भेदन करने में समर्थ है।

लेकिन जो लोभी नहीं है वे दान को स्वीकार नहीं करता है। फिर भी वह व्यक्ति दानी व्यक्ति का समर्थक बन जाता है। संसार में दानशील व्यक्तित्व वाले को पुत्र की जैसी प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
इसलिए दान सभी उपायों में श्रेष्ठ माना गया है।

दंड का अर्थ क्या है ?

दंड का अर्थ क्या है ?
दंड के बारे में मत्स्य भगवान ने ऐसा कहाँ है की जो व्यक्ति साम – दाम से वश में नहीं किया जाता उसके लिए दंड नीति का उपयोग किया जाता है। दंड नीति सच में मनुष्यों को वश में करने वाली है।
बुद्धिमान राजा दंडनीति का उपयोग धर्मशास्त्र के अनुसार मंत्रीओ और पुरोहितो की मदद से करता है। अगर कोई राजा अदण्डनीय व्यक्ति को दंड देता है और दंडनीय व्यक्ति को दंड नहीं देता तो वह
राजा मरकर नर्क में जाता है।

इसलिए विनयशील और समझदार राजा को कल्याण की भावना से धर्म के अनुसार
दंडनीति का उपयोग करना चाहीए। जब राज्य में दंड के लिए कोइ उचित व्यवस्था न हो तो राज्य के बालक,वृद्ध,स्त्री ,विधवा ,सन्यासी ,ब्राह्मण ये सब आपस में लड़कर मर जाएंगे। यदि राज्य में दंड की उचित व्यवस्था न हो तो सभी देवता ,दैत्य ,पक्षी ,प्राणी सभी मर्यादा का उल्लंघन करेंगे।

दंड देने वाला व्यक्ति सभी जगह पूज्य होता है। और दंड न देनेवाले को कही भी मान नहीं मिलता।
ब्रह्मा ,पूषा और अर्यमा सभी शांत रहते है। इसलिए कोई इनकी पूजा नहीं करता। जबकि रूद्र ,अग्नि ,इंद्र,सूर्य ,चन्द्रमा ,विष्णु ,शनि जैसे देवगण सभी में पूज्य माने जाते है। दंड एक ऐसा उपाय है जो शासन तो करता ही है और सबकी रक्षा भी करता है।

भेद का अर्थ क्या है ?

जब राजा मनु ने भेद के बारे में पूछा तो मत्स्य भगवान ने कहाँ जो एक दूसरे से वैर रखते है, क्रोध करते है ,भयभीत और अपमानित है ,उनके लिए भेद नीति का उपयोग कर सकते है। अभी तक हमने देखा की साम ,दाम और दंड से आप अपना काम करवा सकते है। लोग कोई दोष के कारण दूसरो से भयभीत होते है उन्हें उसी दोष के भेद से करना चाहिए। उनके प्रति आप आशा प्रगट करके और दूसरे से भय की आशंका दिखलाके आप अपना काम करवा सकते है।

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अभी के समय में साम दाम दंड भेद का क्या अर्थ है ?

दोस्तों साम ,दाम ,दंड ,भेद नीति बहुत समय से चली आ रही है। पहले के समय में भी लोग इसका प्रयोग करके अपना काम पूर्ण करते थे। आज से समय में आप साम,दाम ,दंड ,भेद का कैसे प्रयोग करके अपना कार्य पूरा कर सकते है। चलिए उदाहरण के द्रारा समझते है,

आइए उदाहरणों का उपयोग करके नीति को समझने का प्रयास करें

Saam Neeti: किसी भी संगठन में समूह में काम करने वाले लोगों के बीच टकराव की संभावना बनी रहती है. इन मतभेदों को सुलझाने के लिए उचित चर्चा की आवश्यकता है। हमें दूसरों की समस्या को सुनने और समझने की जरूरत है, उन्हें प्रबंधन के दृष्टिकोण के बारे में समझाने की जरूरत है। जटिल समस्याओं का समाधान बातचीत के माध्यम से निकाला जा सकता है। कभी-कभी बाहरी या आंतरिक एजेंसी की विशेषज्ञता भी मदद कर सकती है। यह सिद्धांत अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में भी लागू हो सकता है, जहां मंच अपने मतभेदों को सुलझा सकते हैं।

दाम नीति: मजदूरी की टुकड़ा दर प्रणाली एक उदाहरण है, जो लगभग सभी संगठनों में कुछ परिभाषित कार्यों, लक्ष्य आधारित प्रोत्साहन योजना के लिए एक वास्तविकता है, जहां लक्ष्य बिक्री की मात्रा, उत्पादकता, मशीन दक्षता हो सकता है। पुरस्कार प्रणाली, जैसे सर्वोत्तम कर्मचारी, सबसे नियमित कर्मचारी, लंबे समय से सेवारत कर्मचारी आदि ये सभी दाम नीति के अंतर्गत आते हैं।

दंड नीति: दंड के डर से लोग अधर्म कार्य करने से बचते हैं। चेतावनी, कारण बताओ नोटिस, निलंबन या वेतन कटौती जैसी सज़ाएँ। सिविल सेवकों के लिए सीसीएस नियमों के तहत दंड उन्हें गलत काम करने से रोकते हैं। अनुशासन बनाए रखने की दृष्टि से अनियमितता के स्तर के आधार पर दण्ड के प्रकार का प्रयोग किया जा सकता है।

भेद नीति: जब कर्मचारी और संगठन दोनों एक साथ काम नहीं कर सकते और अलगाव ही एकमात्र विकल्प बचता है, अन्यथा कंपनी किसी अन्य कार्य क्षेत्र में स्थानांतरित करने के बारे में सोच सकती है, जो बहुत महत्वपूर्ण नहीं हो सकता है। इस नीति के तहत सरकारी अधिकारियों, ज्यादातर पुलिसकर्मियों या आईएएस अधिकारियों को अक्सर स्थानांतरण का सामना करना पड़ता है।

Saam Daam Dand Bhed Meaning in English

Sama Daam Dand Bheda means that some work must be done by some means or the other. The task should be solved by adopting any strategy, whether by explaining, by giving money, by deceit or by giving punishment. Price: To deal or buy with money. Punishment: Punishment or coercion using force.

Saam Daam Dand Bhed Meaning in Urdu

Saam Daam Dand Bhed Meaning in urdu का मतलब है अगर आपको अपना काम निकलवाना है तो आप उस व्यक्ति को समझा -बुझाकर ,लालच देकर ,दंड देकर और उसके भेद का पता लगवाकर भी आपना काम करवा सकते है।

Saam Daam Dand Bhed Meaning in Sanskrit

Saam Daam Dand Bhed Meaning in sanskrit का मतलब है आप सज्जन व्यक्ति को साम यानि सन्मान देकर, लोभी को दाम यानि धन देकर ,विद्वान् को तर्क देकर व् दुष्ट को दंड देकर अपने पक्ष में किया जा सकता है।

दोस्तों तो यह थी “Saam Daam Dand Bhed Meaning” के बारे के कुछ जानकारी?, आशा करते है आपको इस Article कुछ जानकारी मिली होगी। और अगर आपको यह Post अच्छी लगी हो तो इस Share करना ना भूले और कुछ समज में ना आया हो तो आप Comment भी कर सकते है। हमारा Article यहाँ तक पढ़ने के लिया आपका धन्यवाद ….

FAQ’s About “Saam Daam Dand Bhed Meaning”

1. साम नीति क्या है?

साम का अर्थ है आप अपनी समझदारी से किसी व्यक्ति को समझाकर या उसकी प्रशंसा करके उसे अपनी तरफ कर सकते है।

2. चाणक्य नीति में कितने सूत्र हैं?

चाणक्य नीति अत्यंत सम्मानित भारतीय अर्थशास्त्री, दार्शनिक, शिक्षक और शाही सलाहकार, चाणक्य द्वारा लिखे गए उपाय है। चाणक्य ने अपने ग्रंथ में आदर्श जीवन जीने के लिए कुल 455 सूत्र बताये गए है।

3. साम दाम दंड भेद की नीति क्या है?

आधुनिक वैश्विक कूटनीति ‘साम, दाम, दंड, भेद’ (समझाना, खरीदना, दंडित करना और कमजोरी का फायदा उठाना) के सिद्धांत के इर्द-गिर्द घूमती है। उनका अर्थशास्त्र राज्य को उस स्थिति तक ले जाता है जहां इसकी सेवा में नैतिकता के लिए अज्ञात अनिवार्यताएं शामिल हैं।

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