Rapo Rate 2024 | Rapo Rate Meaning in Hindi

दोस्तों, जैसा की हमे पता है की भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक नीति की घोषणा की। क्या आपको पता है, की इस घोषणा में किस बात को शामिल किया है। आपने News में सुना होगा की रेपो रेट का दर वही रखा गया है, जो पहले था। लेकिन क्या आपको पता है की Repo Rate 2024 क्या है और Repo Rate Meaning in Hindi क्या होता है। अगर आपको नहीं पता की Rapo Rate 2024 india क्या है। तो कोई बात नहीं, आज हम बात करेंगे RBI द्रारा जारी किए जाने वाले Rapo Rate के बारे में। साथ ही जानेंगे Rapo Rate 2024 के बारे में।

Rapo Rate 2024

Repo Rate Meaning in Hindi | What is the Current Repo Rate 2024?

दोस्तों क्या आप भी What is Rapo Rate? के बारे में जानना चाहते है ? रेपो दर वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक (भारत के मामले में भारतीय रिजर्व बैंक) किसी भी धन की कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है। मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए मौद्रिक अधिकारियों द्वारा रेपो दर का उपयोग किया जाता है। अभी का Repo Rate 2024 में 6.50% है। Repo Rate के बदलाव से बाजार में पैसे का प्रवाह प्रभावित होता है। जब RBI दरों में कमी करता है, तो यह पैसे की आपूर्ति को बढ़ावा देकर अर्थव्यवस्था का विस्तार बढ़ाता है। Rates ज्यादा होने पर यह आर्थिक विकास को प्रतिबंधित यानि अटकाता है।

Date of UpdateRate
5th February 20246.50%
8th February 20246.50%
8th December 2023 6.50%
10th August 20236.50%
8th June 2023 6.50%
6th April 20236.50%
8th February 20236.50%
7th December 20226.25%
30 September 20225.90%
8 June 20224.90%
4 May 20224.40%
22 May 20204.00%
27 March 20204.40%
04 October 20195.15%
07 August 20195.40%
06 June 20195.75%
01 August 20186.50%
06 June 20186.25%
02 August 20176.00%

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Rapo Rate 2024 India

हर कुछ महीनों के बाद Marginal Propensity to Consume (MPC) द्रारा मौद्रिक नीति की घोषणा की जाती है। आपको शायद पता होगा की कोरोनो वायरस की महामारी की वजह से RBI ने बीते दो वर्षों से Rapo Rate को Change नहीं किया है। जबकि , Rapo Rate फरवरी 2023 में, 25 Basis Point 6.25% से बढ़ाकर 6.50% कर दिया गया है , जबकि रिवर्स रेपो दर 3.35% रखा है। आपको बता दे की आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी), दर-निर्धारण पैनल की दो दिवसीय समीक्षा बैठक 3 अप्रैल को शुरू हुई थी और कल यानि 5 अप्रैल को समाप्त हुई। आरबीआई ने सातवीं बार प्रमुख नीति रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है। और Rapo Rate 2024 को 6.5 रखने का फैसला लिया है। लगातार समय गवर्नर दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय एमपीसी ने ‘समायोजन की वापसी’ पर नीतिगत रुख को बनाए रखने का भी निर्णय लिया है।

Repo Rate Full Form

Repo Rate का फुल फॉर्म Repurchase Agreement(पुनर्खरीद समझौते) or Repurchasing Option (पुनर्खरीद विकल्प) है। लोग आर्थिक तंगी के समय में बैंकों से कर्ज लेते हैं और उसी के कारण ब्याज का भुगतान करना होता हैं। इसी तरह, वाणिज्यिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी धन की कमी का सामना करना पड़ता है। ऐसे समय वे देश के शीर्ष बैंक से भी पैसा उधार ले सकते हैं। इसी तरह किसी भी देश का सेंट्रल बैंक वाणिज्यिक बैंकों को मूल राशि पर ब्याज दर पर पैसा उधार देता है। अगर कोई बैंक किसी तरह की Security पर लोन लेता हैं तो यह ROI रेपो रेट होता है।

Comparison with Reverse Repo Rate (RRR)

दोनों भारतीय अर्थव्यवस्था में दो बहुत ही प्रमुख नीतिगत शर्तें हैं। इन दोनों दरों को RBI मौद्रिक नीति के हिसाब से तय करताहै। जैसा कि नाम से पता चलता है, Reverse Repo Rate/RRR, RR के विपरीत है। इसका मतलब यह है कि RRR Repurchase समझौता है जहां RBI बैंकों को पैसा उधार लेने के लिए प्रतिभूतियां गिरवी रखता है। RBI उन्हें Repurchase भी करता है। दोनों आमतौर पर रात भर के लिए अल्पकालिक फंड हैं। एक तरह से, RBI बैंकों को जमा करने केलिए भुगतान करता है।

जब Reverse Repo Rate अधिक होता है, तो बैंकों के पास ग्राहकों को उधार देने की तुलना में ब्याज अर्जित करने का एक सुरक्षित विकल्प होता है। कभी-कभी, वे उधार देने से अधिक ब्याज अर्जित कर सकते हैं। इसके अलावा, वे सरकार समर्थित प्रतिभूतियों के खिलाफ RBI को उधार देते हैं। कम RRR बैंकों को RBI के पास उधार देने या जमा करने के लिए हतोत्साहित करता है। इसके बजाय वे ग्राहकों को उच्च ब्याज और लाभ अर्जित करने के लिए ऋण देने का विकल्प चुनेंगे।

Repo Rate (Rapo Rate Meaning in Hindi) vs Reverse Repo Rate

Banks RBI से आरआर ऋण लेते हैं जबकि बैंक RBI को रिवर्स रेपो रेट ऋण देते हैं। दोनों को Collateral or Pledge और बांडों की प्रतिज्ञा की आवश्यकता होती है। बैंक आरआर ऋण लेने के लिए प्रतिभूति प्रदान करते हैं। वहीं, रिवर्स रेपो रेट लोन या बैंक डिपॉजिट लेने के लिए

RBI सिक्योरिटीज मुहैया कराता है। RRR भी RR की तरह ही महंगाई को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र है। दोनों LAF- तरलता समायोजन सुविधा का एक हिस्सा हैं। यह निम्नलिखित तरीके हैं:

जब दोनों बढ़ते हैं, तो धन प्रवाह कम होता है, अर्थव्यवस्था को धीमा करता है लेकिन मुद्रास्फीति को भी नियंत्रित करता है। जब RR अधिक होता है, तो बैंक उच्च ब्याज का भुगतान करने से बचने के लिए उधार लेने वाले ऋणों को टाल देते हैं। लेकिन जब RRR अधिक

होता है, तो यह बैंकों को RBI में पैसा जमा करने के लिए प्रोत्साहित करता है। दोनों ग्राहकों को उधार देने में बाधा डालते हैं और इसलिए नकदी की आपूर्ति धीमी होती है। इसी तरह, कम आरआर बैंकों को आरबीआई से उधार लेने और ग्राहकों को उधार देने के लिए बढ़ावा देता है।

दूसरी ओर, कम RRR बैंकों को RBI जमा करने के बजाय ग्राहक ऋण देने के लिए बढ़ाता है।

दोस्तों तो यह थी “Repo Rate 2024” के बारे के कुछ जानकारी?, आशा करते है आपको इस Article कुछ जानकारी मिली होगी। और अगर आपको यह Post अच्छी लगी हो तो इस Share करना ना भूले और कुछ समज में ना आया हो तो आप Comment भी कर सकते है। हमारा Article यहाँ तक पढ़ने के लिया आपका धन्यवाद ….

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