Mansarovar Kiski Rachna Hai | जानिए मानसरोवर के रचयिता कौन है ?

दोस्तों, हमारे देश का इतिहास कई सारी चीज़ो से महान बना है। देश के कई लोगों ने अपनी क़ाबिलियत से देश के इतिहास को गौरवपूर्ण बनाया है। साथ ही साहित्य ने अपना एक अलग ही योगदान दिया है। आपने भी अपनी स्कूल में कई कहानीयाँ और कविताएँ जरूर पढ़ी होगी और आज भी पढ़ रहे होंगे। कुछ कहानियाँ सच्ची घटनाओं पर आधारित होती है और कुछ काल्पनिक होती है। क्या आपको भी कथा, कहानियाँ और कविताएँ पढ़ना अच्छा लगता है। अगर आप भी साहित्य में रूचि रखते है, तो आज का आर्टिकल आपके लिए है। पिछले आर्टिकल में हमने जाना की Chita Kiski Rachna Hai . क्या आपको पता है की Mansarovar Kiski Rachna Hai. अगर आप नहीं जानते, तो कोई बात नहीं। आज के आर्टिकल में Mansarovar Kiski Rachna Hai के बारे में जानने वाले है। इसके अंत तक आप जान जाएगे की Mansarovar के रचिता कौन है। चलिए शुरू करते है,

Mansarovar Kiski Rachna Hai

मानसरोवर के रचिता कौन है ?

जैसा की हमें पता है की हमारे देश के साहित्य का इतिहास देश की आज़ादी के पहले का है। और आज भी कई कहानी और कथाओ को पुरे विश्व में सराहा जाता है। देश के साहित्य जगत में कई महान विचारको , कथाकारो , साहित्यकरो, लेखकों का योगदान रहा है। और आज हम जानेंगे की Mansarovar Kiski Rachna Hai. आपको बता दे की मानसरोवर “प्रेमचंद मुंशी” की रचना है। मानसरोवर प्रेमचंद द्रारा लिखा गया एक कथा संग्रह है। जिसमें कुल 8 खंड या भाग है, और प्रकाशित संकलन में 250 से भी ज़्यादा कहानियाँ शामिल है। मानसरोवर के लेखक, कहानीकार और रचयिता “मुंशी प्रेमचन्द” ही है। चलिए आगे जानते है मानसरोवर कथा संग्रह किसकी रचना है और प्रेमचंद मुंशी कौन थे।

मानसरोवर कथा संग्रह किसकी रचना है

मानसरोवर भाग 1 : – अलग्योझा, ईदगाह ,माँ ,बेटो वाली विधवा, दिल की रानी ,धिक्कार ,कायर, शिकार , सुभागी ,अनुभव ,लांछन ,आखिरी हीला ,तावान ,घासवाली ,गिला ,रसिक सम्पादक ,मनोवृत्ति, बड़े भाई साहब ,शांति ,नशा ,स्वामिनी ,ठाकुर का कुआँ ,घर-जमाई ,पूस की रात ,झांकी ,गुल्ली -डंडा ,ज्योति ।

मानसरोवर भाग 2 : – कुसुम ,खुदाई फ़ौज़दार ,वेश्या ,चमत्कार ,मोटर के छींटे ,कैदी ,मिस पद्मा ,विद्रोही ,उन्माद ,न्याय ,कुत्सा ,दो बैलों की कथा ,रियासत का दीवान ,मुफ्त का यश , बासी भात में खुदा का साझा ,दूध का दाम ,बालक ,जीवन का शाप ,दामुल का कैदी ,नेऊर ,गृहनीति,क़ानूनी कुमार ,लॉटरी ,जादू ,नया विवाह ,शूद्रा।

मानसरोवर भाग 3 : – विश्वास ,नरक का मार्ग ,स्त्री और पुरुष ,उद्धार ,निर्वासन ,नैराश्य लीला ,कौशल ,स्वर्ग की देवी ,परीक्षा ,तेंतर ,नैराश्य,दंड ,धिक्कार ,लैला, आधार , मुक्तिधन ,दीक्षा ,क्षमा ,मनुष्य का परम धर्म ,गुरु-मंत्र ,एक आँच की कसर , माता का हदय ।

मानसरोवर भाग 4 : – प्रेरणा, सद्गति ,तगादा ,दो कब्रें ,ढपोलशंख,डिमॉन्स्ट्रेशन, दरोगा जी ,अभिलाषा ,खुचड़ ,आगा-पीछा ,प्रेम का उदय, सती, मृतक भोज,भूत ,सवासेर गेहूँ,सभ्यता का रहस्य,समस्या, दो सखियां, मांगे की घङी , स्मृति का पुजारी।

मानसरोवर भाग 5: -मंदिर, निमंत्रण,रामलीला,कामना-तरु,हिंसा परम धर्म,बहिष्कार,चोरी,लांछन, सती,कज़ाकी,आँसुओं की होली ,अग्नि समाधि,सुजान भगत,पिसनहारी का कुआं,सोहाग का शव,आत्मसंगीत,एक्ट्रेस,ईश्वरीय न्याय,ममता,मंत्र,प्रायश्चित,कप्तानसाहब,इस्तीफ़ा।

मानसरोवर भाग 6 :- राजा हरदौल, यह मेरी मातृभूमि है, जुगनू की चमक , त्यागी का प्रेम, रानी सारन्धा ,शाप ,मर्यादा की वेदी ,मत्यु के पीछे ,पाप का अग्निकुंड,आभूषण, गृह दाह। धोखा ,लाग -डाट ,आमावस्या की रात, चकमा ,पछतावा ,आप-बीती, राज्य-भक्त, अधिकार -चिन्ता ,दुराशा।

मानसरोवर भाग 7 :- जेल,पत्नी से पति ,शराब की दुकान ,जुलूस। मैकू ,समर – यात्रा ,शांति ,बैंक का दिवाला , आत्माराम,दुर्गा का मंदिर, बड़े घर की बेटी ,पंच परमेश्वर,शंखनाद, जिहाद , महातीर्थ ,विस्मृति ,प्रारब्ध,सुहाग की साड़ी, लोकमत का सम्मान, नागपूजा, फातिहा, वैर का अंत ,दो भाई।

मानसरोवर भाग, 8 :- खून सफ़ेद ,गरिबी की हाय ,बेटी का धन ,धर्मसंकट, सेवा मार्ग ,शिकारी राजकुमार, बलिदान ,बोध ,सच्चाई का उपहार ,ज्वालामुखी ,पशु से मनुष्य ,मुठ ,ब्रह्म का स्वांग, विमाता, बूढी काकी, हर की जीत, दफ्तरी, विध्वंस, स्वत्व रक्षा, पूर्व संस्कार ,दस्साहस, गुप्त धन, आदर्श विरोध, विषम समस्या, अनिष्ट शंका, सौत, सज्जनता का दंड, नमक का दरोगा, उपदेश, परीक्षा।

प्रेमचंद मुंशी कौन थे | Mansarovar Kiski Rachna Hai

मुंशी प्रेमचंद कलम के सिपाही कहे जाते है, उनका जन्म 31 जुलाई 1980 में उत्तरप्रदेश के वाराणसी के पास लमही नामक गााँव में हुआ था। उनका मूल नाम धनपत राय था , बाद में उन्हें नवाबराय और प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाने लगा। उनकी माता का नाम आनंदी देवी और पिता का नाम मुंशी अजयाबराय था। उनका बचपन अत्यंत अभाव और पीड़ा में गुजरा। उस समय उनके पिता की सैलरी मात्र 20 रूपये थी। जब प्रेमचंद जी का जन्म हुआ था, तब उनकी माता का देहांत हो गया था। उसके बाद उनके पिता ने अपनी परंपरा के अनुसार दूसरा विवाह शिवरानी देवी से किया। प्रेमचंद ने मात्र 16 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया। उनके बाद पुरे घर की ज़िम्मेदारी प्रेमचन्द जी पर आ गई।

1898 में मेट्रिक की परीक्षा पास करने बाद स्थानीय स्कुल में शिक्षक के पद पर नियुक्त हुए। नौकरी के बाद भी उन्होंने अपनी पढाई जारी रखी। 1910 में उन्होंने इंटर पास किया और 1919 में बी.ए. पास करने के बाद शिक्षा विभाग में इंस्पेक्टर पद पर नियुक्त हुए।

Mansarovar Kiski Rachna Hai

मूल नामधनपत राय
जन्म31 जुलाई 1880 लमही – वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
भाषाहिंदी उर्दू
विधाएँकहानी ,उपन्यास ,नाटक ,वैचारिक लेख ,बाल साहित्य
प्रमुख कृतियाँउपन्यास : – कर्मभूमि, मनोरमा, वरदान, मंगलसूत्र (असमाप्त), गोदान, गबन,सेवा सदन, प्रतिज्ञा,प्रेमाश्रम, निर्मला, प्रेमा, कायाकल्प, रंगभूमि
कहानी: – सोजे वतन , मानसरोवर (8 खंड), प्रेमचंद की असंकलित कहानियाँ
नाटक:- कर्बला, वरदान
बाल साहित्य : – रामकथा, कुत्ते की कहानी
विचार प्रेमचन्द: – प्रेमचन्द के विचार (3 खंड ), विविध प्रसंग
अनुवाद पिता के पत्र पुत्री के नाम (अंग्रेजी से, जवाहरलाल नेहरू), आज़ाद कथा(उर्दू से, रतननाथ सरशार)
संपादनमर्यादा, माधुरी, हंस, जागरण
निधन8 अक्टूबर 1936

दोस्तों हमने आज के Article में “Mansarovar Kiski Rachna Hai” के बारे में जाना। अगर आपने यहाँ तक ये आर्टिकल पढ़ा है, तो आपको अभी तक समझ आ गया होगा की Mansarovar Kiski Rachna Hai. अगर आपको हमारा आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे Share करना मत भूलना। और अगर आपको कोई सवाल या सुझाव हो तो आप हमे Comment भी कर सकते है। धन्यवाद….

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