Interim Budget Meaning in Hindi | जाने क्या है अंतरिम बजट

दोस्तों आप हम जानते है की हम हर महीने अपने घर का बजट बनाते है। बजट में हम अपनी आवक के हिसाब से खर्चो को नियंत्रण करने की कोशिश करते है। जैसा की हम जानते है की हर साल देश का बजट पेश किया जाता है। और ये बजट केंद्र सरकार द्रारा देश के वित्त मंत्री पेश करते है। हर साल की तरह आज भी बजट पेश होने जा रहा है। आपने interim Budget के बारे में जरूर सुना होगा। हम सब जानते है की हर साल बजट पेश किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है की Interim Budget क्या होता है? अगर आप भी सर्च कर रहे है और जानना चाहते है की Interim Budget Meaning in Hindi क्या होता है। तो आप सही जग़ह आए है। आज के हम अंतरिम बजट क्या है? और अंतरिम और पूर्ण बजट में क्या फर्क है? जानेंगे। चलिए शुरू करते है,

Interim Budget Meaning in Hindi

Interim Budget Meaning in Hindi | क्या है अंतरिम बजट

आपको बता दे की हर साल का बजट देश के वित मंत्री पेश करते है, और वर्तमान में हमारे देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण है। इस साल का बजट भी वो ही पेश करने जा रही है। आज यानि 1 फरवरी को निर्मला सीतारमण छठी बार देश का बजट पेश कर रही है। जैसा की हमे पता है की इस साल लोकसभा चुनाव भी होने जा रहे है, और इसलिए ही इस साल अंतरिम बजट पेश किया जा रहा है। बात करे अंतरिम बजट की तो आप सोच रहे होंगे इस साल आम बजट की जगह अंतरिम बजट क्यों? अंतरिम बजट वो है जो लोकसभा के चुनाव से पहले कुछ महीनों के लिए पेश किया जाता है। Interim Budget Meaning in Hindi का मतलब एक ऐसा बजट जिसमे मौजूदा सरकार वित्तीय वर्ष के अंत से पहले अपने बजट खर्चों को पूरा करने के लिए भारत की संचित निधि से धन निकालने के लिए संसद से अनुमोदन की मांग करती है। ये बजट कुछ महीनों के लिए ही होता है, लेकिन जरुरत पड़ने पर इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। चलिए विस्तार से जानते है की अंतरिम बजट क्या है?

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अंतरिम बजट का मतलब क्या है

जैसा की हम सब को पता है की बजट में देश की आवक और खर्चो का हिसाब होता है। हर साल पुरे बजट का आय व्यय का लेखा जोखा संसद में पेश किया जाता है। लेकिन कई बार अंतरिम बजट भी पेश किया जाता। हर साल देश के वित्त मंत्री बजट पेश करते है लेकिन जिस साल लोकसभा का चुनाव होने वाला होता है, उस साल अंतरिम बजट पेश किया जाता है। अंतरिम बजट पेश करने से पहले देश अर्थव्यवस्था को कोई नुकसान न पहुंचे उसका ख्याल रखा जाता है। साथ ही कोई नई योजना या स्कीम लागू नहीं की जाती। इसमें सिर्फ पहले से चल रही योजना के राशि आवंटित की जाती है। अंतरिम बजट ज़्यादातर दो महीनों के लिए पेश किया जाता है। इसमें सरकार के चुनाव होने से पहले देश के खर्चो के लिए संसद में मांग करती हैं। संसद में राज्यसभा और लोकसभा की सयुंक्त बैठक में वित्त मंत्री अंतिरम बजट पेश करती है।इस साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले है इसलिए निर्मला सीतारमण ने सरकार ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया।अंतरिम बजट में सरकार अपने खर्च, राजस्व, राजकोषीय नुकसान और वित्तीय प्रदर्शन का अनुमान और आने वाले वर्ष के लिए अनुमान प्रस्तुत कर सकती है। सरकार अपने कार्यकाल के अंत में ही अंतरिम बजट पेश करती है। ताकि चुनाव तक देश के खर्चो को बिना पैसे की कमी से चलाया जा सके। और चुनाव के बाद नई सरकार केंद्रीय बजट पेश करती है।

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आम बजट क्या है ?

जैसे हम पुरे घर के महीने का खर्च और कमाई का हिसाब लगाते है। वैसे ही देश के वित्त मंत्री पुरे देश की आमदनी और खर्च का हिसाब लगाती है, और वो ही आम बजट कहलाता है। देश का पूरा बजट यानि आम बजट पुरे वित्तीय वर्ष का हिसाब किताब होता है। 1 अप्रेल से लेकर अगले साल की 31 मार्च तक के 12 महीने का समय वित्तीय वर्ष कहलाता है। देश के आम बजट एक बही खाता है। वित्त मंत्री इस बही खाते में देश को कहाँ कहाँ से पैसे मिलेंगे यानि देश की आवक कितनी होगी और कहाँ कहाँ खर्च करेगी इसका हिसाब लगाती है। आम बजट को सरकारी कागजों में Annual Financial Statement(एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट) कहाँ जाता है।

बजट का नाम कैसे पड़ा ?

किसी भी हिसाब किताब को बजट कहने की शरुआत ब्रिटेन की संसद से शरू हुई थी। उस समय वहाँ के वित्त मंत्री यह सारा हिसाब किताब एक चमड़े के बैग में रखकर लाते थे। और चमड़े के बैग को फ्रेंच की भाषा में बुगेट कहाँ जाता है। और अंग्रेजी में उसे बजट कहाँ जाने लगा। इस तरह पूरी दुनिया में घर या देश की आमदनी और खर्च के हिसाब किताब को बजट कहाँ जाने लगा। और आज जो बजट पेश हुआ है वो पुरे साल का बजट नहीं है, बल्कि काम चलाऊ हिसाब किताब है, जिसे अंतरिम बजट भी कहाँ जाता हैं।

अंतरिम और पूर्ण बजट में क्या फर्क है?

जब चुनाव नजदीक हों तो सरकार के लिए पूर्ण बजट पेश करना व्यावहारिक नहीं है, इसलिए सरकार अंतरिम बजट पेश करती है, जो संक्रमण काल ​​(सत्ता में कुछ महीने शेष रहने) के बजट की तरह होता है। लेकिन, इसमें नियमित बजट की तरह पूरे साल का अनुमान पेश किया जाता है। और आम बजट पुरे वित्त्तीय साल को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है।

अंतरिम बजट में चल रही योजना के खर्चो के बारे में और चुनाव के पहले के खर्चो का अनुमान लगाया जाता है। लेकिन पूर्ण या आम बजट में हेल्थ सर्विस, शिक्षा,बुनियादी ढांचे के बारे में विवरण किया जाता है। पूर्ण बजट का मकसद देश की आर्थिक स्थिति को सुधारकर मजबूत करना है।

लेखानुदान और अंतरिम बजट के बीच अंतर

वोट ऑन अकाउंट और अंतरिम बजट के बीच अंतर यह है कि अकाउंट पर वोट कर व्यवस्था को प्रभावित नहीं कर सकता है, जबकि अंतरिम बजट इसे प्रभावित या बदल सकता है। लेखानुदान और अंतरिम बजट दोनों वित्तीय अवधारणाएँ हैं जो कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछी जाती हैं। इसलिए, लेखानुदान और अंतरिम बजट के बीच अंतर नीचे बताया गया है। बहुत से लोग अंतरिम बजट और वोट ऑन अकाउंट शब्द का परस्पर उपयोग करते हैं।

आज के आर्टिकल में हमने जाना की “Interim Budget Meaning in Hindi” . आशा करते है आपको इस Article से जानकारी जरूर मिली होगी और आपको आपके सवाल का जवाब भी मिल गया होगा। हम ऐसे ही आपकी जानकारी बढ़ाने वाले आर्टिकल लाते रहेंगे। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी हो तो इस आगे Share करना न भूले। अगर आपको कुछ समझ न आए और आपको कुछ सुझाव देना हो, तो आप हमे Comment भी कर सकते है। Article यहाँ तक पढ़ने के लिए Thank You …..

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