Gular Ka Phool Kaisa Hota Hai | जानिए गूलर के फूल कैसे होते है

दोस्तों, वैसे तो हमारे देश में कई सारे फूल, फल, सब्जियाँ पाई जाती है। कई सारे ऐसे फ़ल भी होते है, जिसे हमें देखा भी नहीं होता की वो उगते कैसे है। आपने अंजीर तो जरूर खाई होगी, लेकिन क्या आपने अंजीर का पेड़ देखा है। अगर आपने अंजीर का पेड़ देखा है, तो आपको पता होगा की अंजीर गोल आकर में होती है। लेकिन क्या आपने गूलर के पेड़ को देखा है। गूलर का पेड़ अंजीर के पेड़ से अलग होता है। मगर गूलर के फल का आकर भी अंजीर के जैसा ही होता है। जैसा की हमें पता है की ज़्यादातर पेड़ में पत्ते,फूल,फल होते है। बात करे गूलर के फूल की, तो क्या आपने कभी गूलर का फूल देखा है ? अगर आपको भी नहीं पता की Gular Ka Phool Kaisa Hota Hai. तो कोई बात नहीं, आज का आर्टिकल आपके लिए ही है। हम आज इस आर्टिकल में Gular Ka Phool Kaisa Hota Hai के बारे में जानेंगे। चलिए शुरू करते है और जानते है,

Gular Ka Phool Kaisa Hota Hail

Gular Ka Phool Kaisa Hota Hai | गूलर का फूल कैसा दिखता है,

वैसे तो हर फल फूल खिलने के बाद ही आता है। लेकिन कई फल बिना फूल के भी उग जाते है। आपने अगर गूलर पेड़ देखा हो, तो आपने देखा होगा की उस पेड़ पर कोई फूल नहीं होता। और गूलर के फूल के लिए एक कहावत भी है। जिसका मतलब ये ही की वो लोग भाग्यशाली होते है, जिन्हे गूलर का फूल दिखाई देता है। ऐसा इसलिए कहाँ जाता है, क्योंकि गूलर का फूल दुर्लभ होता है। आज हम Gular Ka Phool Kaisa Hota Hai उसके बारे में बात कर रहे है। तो आपको बता दे की की गूलर क फूल सफ़ेद रंग का बालों सा होता है ,जो दुर्लभ होने के कारण दिखाई नहीं पड़ता। लेकिन कुछ लोगों का ये भी कहना है, की गूलर का फूल नर मादा होता है, जो फल के अंदर होता है। आपके किसी न किसी से ये कहवत तो जरूर सुनी होगी की “आप तो गूलर के फूल हो गए हो” जिसका मतलब है आप तो दिखते ही नहीं हो।

आपने कई मंदिर के पास गूलर का पेड़ देखा होगा। माना जाता है की दत्तात्रेय भगवान ने गूलर के पेड़ के नीचे ही सपना संदेश दिया था। इसलिए हर मंदिर में Gular Ka Ped जरूर होना चाहिए। गूलर के पेड़ की पूजा भी पीपल और बरगद के पेड़ की तरह की जाती है। सतयुग में राम के पूर्वज राजा हरिशचन्द्र को माना जाता है, उनका मुकुट गूलर की लड़की से बना था और उसमें सोना जड़ा था। उनका सिंहासन भी गूलर की लकड़ी से ही बना हुआ था। Gular Ka Phool Hona अच्छा माना जाता है।

Gular Ka Phool Kahan Hota Hai | Gular Ka Phool Kaisa Hota Hai

वैसे तो गूलर का फूल दिखता नहीं है। ऐसा माना जाता है की गूलर का फूल स्वर्ग का फूल है, इसलिए वे रात में ही खिलता है। और सुबह तक लुप्त हो जाता है। वनस्पतियों में गूलर को अंजीर का जुड़वाँ भाई कहाँ जाता है और शहतूत को गूलर का चाचा कहाँ जाता है। वैसे तो गूलर का फूल फोटो दुर्लभ है, लेकिन कुछ फ़ोटो उपलब्ध है,

गूलर का फूल फोटो | Gular Ka Phool Kaisa Hota Hai

Gular Ka Phool Photo

Gular Ka Phool Ke Fayde

हमारे आयुर्वेद में कई फल सब्जियों को बड़ा ही महत्व दिया गया है। ऐसे ही गूलर का भी आयुर्वेद में बड़ा महत्व बताया गया है। गूलर के फूल, फल, पत्ते लकड़ी,जड़,छाल और दुघ को आयुर्वेद में इस्तमाल किया जाता है। आपको बता दे की कच्चे गूलर की सब्जी भी बनती है। चलिए गूलर के फायदे देखते है,

फल पोषक तत्वों से भरपूर और खाने योग्य होते हैं। गूलर के फल मासिक धर्म, पित्त और मूत्र संबंधी बीमारियों के साथ-साथ ठंडक और हृदय टॉनिक स्थितियों में भी मदद कर सकते हैं। ताजे रस या पत्तियों के काढ़े से कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है।

गूलर कैंसर में लाभ पहुंचाता है

गूलर में अच्छे एंटीऑक्सीडेंट और कैंसर रोधी गुण होते हैं। अगर इस पेड़ से निकाले गए रस का सेवन औषधि के रूप में किया जाए तो इसके गुण कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में हमारी मदद कर सकते हैं।

मधुमेह में गूलर के फायदे

रक्त शर्करा को कम करने में गूलर की छाल फायदेमंद हो सकती है।

अनियमित दिल की धड़कन को नियंत्रित करने के लिए गूलर फायदेमंद है

अनियमित दिल की धड़कनों को नियंत्रित करने के लिए मैग्नीशियम बहुत फायदेमंद होता है। अनियमित दिल की धड़कन मांसपेशियों में तनाव और ऑक्सीडेटिव तनाव के कारण हो सकती है। गूलर के फल में अच्छी मात्रा में मैग्नीशियम मौजूद होता है। जो इन सभी लक्षणों को दूर करने के साथ-साथ आपके पाचन को भी ठीक रखता है।

गूलर का पेड़: विषाक्तता | गूलर के नुकसान

  • मुख्य उत्तेजक लेटेक्स सैप है, जो मनुष्यों और जानवरों दोनों के लिए जहरीला है और आंखों और कुछ हद तक त्वचा के लिए खतरनाक है।
  • संपर्क में आने पर त्वचा की सबसे आम प्रतिक्रिया त्वचाशोथ है, हालांकि मुंह और आंखों में जलन अधिक दर्दनाक हो सकती है।
  • हालाँकि, समग्र पौधों की विषाक्तता का आकलन फिकस को निचली श्रेणी में रखता है।

गूलर के कितने नाम है? | अन्य भाषाओं में गूलर के नाम

  • Sanskrit – उदुम्बर, जन्तुफल, यज्ञांग, हेमदुग्ध, श्वेतवल्कल, सदाफल, अपुष्प, काकोदुम्बरिका, शाखाफल, मशकी
  • Hindi (Gular in Hindi)- उमर, तुई गुल्लर, गूलर, उमरि
  • English – क्लस्टर फिग, गूलर फिग और कन्ट्री फिग
  • Gujarati – उम्बर, ऊमरडो, उम्बरो, उमर
  • Urdu – गूलर
  • Punjabi – बटबर , दधूरी
  • Marathi – उम्बराचे झाड़, उम्बरी
  • Oriya – डिम्री
  • Kannada – अत्थिमरा, काठगूलर
  • Telugu – अत्थि चेट्टु , अत्ति
  • Tamil – अत्तिमरम् , उदुम्बरम
  • Bengali – दुमुर, ओदुम्बर, याज्ञदुम्बर
  • Nepali – दुम्री
  • Malayalam – अत्ति, जन्तुफलम

दोस्तों हमने आज के Article में “Gular Ka Phool Kaisa Hota Hai” के बारे में जाना। अगर आपने यहाँ तक ये आर्टिकल पढ़ा है, तो आपको अभी तक समझ आ गया होगा की Gular Ka Phool Kaisa Hota Hai। अगर आपको हमारा आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे Share करना मत भूलना। और अगर आपको कोई सवाल या सुझाव हो तो आप हमे Comment भी कर सकते है। धन्यवाद….

पढ़िए कुछ और महत्वपूर्ण Article

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *